EN اردو
नशा शायरी | शाही शायरी

नशा

21 शेर

इतनी पी जाए कि मिट जाए मैं और तू की तमीज़
यानी ये होश की दीवार गिरा दी जाए

the formality of you and I should in wine be drowned
meaning that these barriers of sobriety be downed

फ़रहत शहज़ाद




अब मैं हुदूद-ए-होश-ओ-ख़िरद से गुज़र गया
ठुकराओ चाहे प्यार करो मैं नशे में हूँ

गणेश बिहारी तर्ज़




ऐ गर्दिशो तुम्हें ज़रा ताख़ीर हो गई
अब मेरा इंतिज़ार करो मैं नशे में हूँ

गणेश बिहारी तर्ज़




मिरी शराब की तौबा पे जा न ऐ वाइज़
नशे की बात नहीं ए'तिबार के क़ाबिल

हफ़ीज़ जौनपुरी




मय-कदे में नश्शा की ऐनक दिखाती है मुझे
आसमाँ मस्त ओ ज़मीं मस्त ओ दर-ओ-दीवार मस्त

हैदर अली आतिश




नश्शा था ज़िंदगी का शराबों से तेज़-तर
हम गिर पड़े तो मौत उठा ले गई हमें

इरफ़ान अहमद




ये वाइज़ कैसी बहकी बहकी बातें हम से करते हैं
कहीं चढ़ कर शराब-ए-इश्क़ के नश्शे उतरते हैं

लाला माधव राम जौहर