EN اردو
थोड़ी सी दूर तेरी सदा ले गई हमें | शाही शायरी
thoDi si dur teri sada le gai hamein

ग़ज़ल

थोड़ी सी दूर तेरी सदा ले गई हमें

इरफ़ान अहमद

;

थोड़ी सी दूर तेरी सदा ले गई हमें
फिर इक हवा-ए-तुंद उड़ा ले गई हमें

नद्दी किनारे क्या गए पानी की चाह में
नद्दी समुंदरों में बहा ले गई हमें

क़िस्मत में तिश्नगी से ही मरना लिखा था फिर
क्यूँ साहिलों पे गर्म हवा ले गई हमें

नश्शा था ज़िंदगी का शराबों से तेज़-तर
हम गिर पड़े तो मौत उठा ले गई हमें

हम सादा-दिल थे आ गए आख़िर फ़रेब में
बातों में उस की आँख लगा ले गई हमें