EN اردو
दुश्मन शायरी | शाही शायरी

दुश्मन

32 शेर

दोस्ती जब किसी से की जाए
दुश्मनों की भी राय ली जाए

राहत इंदौरी




मैं आ कर दुश्मनों में बस गया हूँ
यहाँ हमदर्द हैं दो-चार मेरे

राहत इंदौरी




ख़ुदा के वास्ते मौक़ा न दे शिकायत का
कि दोस्ती की तरह दुश्मनी निभाया कर

साक़ी फ़ारुक़ी




हुस्न आईना फ़ाश करता है
ऐसे दुश्मन को संगसार करो

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम