दर्द में लज़्ज़त बहुत अश्कों में रानाई बहुत
ऐ ग़म-ए-हस्ती हमें दुनिया पसंद आई बहुत
सय्यद ज़मीर जाफ़री
हँस मगर हँसने से पहले सोच ले
ये न हो फिर उम्र भर रोना पड़े
सय्यद ज़मीर जाफ़री
हँस मगर हँसने से पहले सोच ले
ये न हो फिर उम्र भर रोना पड़े
सय्यद ज़मीर जाफ़री
हम ने कितने धोके में सब जीवन की बर्बादी की
गाल पे इक तिल देख के उन के सारे जिस्म से शादी की
सय्यद ज़मीर जाफ़री
हज़रत-ए-इक़बाल का शाहीं तो हम से उड़ चुका
अब कोई अपना मक़ामी जानवर पैदा करो
सय्यद ज़मीर जाफ़री
हज़रत-ए-इक़बाल का शाहीं तो हम से उड़ चुका
अब कोई अपना मक़ामी जानवर पैदा करो
सय्यद ज़मीर जाफ़री
मैं बताता हूँ ज़वाल-ए-अहल-ए-यूरोप का प्लान
अहल-ए-यूरोप को मुसलामानों के घर पैदा करो
सय्यद ज़मीर जाफ़री