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2 लाइन शायरी शायरी | शाही शायरी

2 लाइन शायरी

22761 शेर

क़यामत है ये कह कर उस ने लौटाया है क़ासिद को
कि उन का तो हर इक ख़त आख़िरी पैग़ाम होता है

शेरी भोपाली




क़यामत है ये कह के उस ने लौटाया है क़ासिद को
कि उन का तो हर इक ख़त आख़िरी पैग़ाम होता है

शेरी भोपाली




तमन्ना है यही दिल की वहीं चलिए वहीं चलिए
वो महफ़िल आह जिस महफ़िल में दुनिया लुट गई अपनी

शेरी भोपाली




तमन्ना है यही दिल की वहीं चलिए वहीं चलिए
वो महफ़िल आह जिस महफ़िल में दुनिया लुट गई अपनी

शेरी भोपाली




ये बाज़ी मोहब्बत की बाज़ी है नादाँ
इसे जीतना है तो हारे चला जा

शेरी भोपाली




जब निगाहों के इशारात बदल जाते हैं
ख़ुद-ब-ख़ुद प्यार के जज़्बात बदल जाते हैं

शेवन बिजनौरी




जब निगाहों के इशारात बदल जाते हैं
ख़ुद-ब-ख़ुद प्यार के जज़्बात बदल जाते हैं

शेवन बिजनौरी