इसी पर ख़ुश हैं कि इक दूसरे के साथ रहते हैं
अभी तन्हाई का मतलब नहीं समझे हैं घर वाले
शुजा ख़ावर
जैसा मंज़र मिले गवारा कर
तब्सिरे छोड़ दे नज़ारा कर
शुजा ख़ावर
जिन को क़ुदरत है तख़य्युल पर उन्हें दिखता नहीं
जिन की आँखें ठीक हैं उन को तख़य्युल चाहिए
शुजा ख़ावर
जो ज़िंदा हो उसे तो मार देते हैं जहाँ वाले
जो मरना चाहता हो उस को ज़िंदा छोड़ देते हैं
शुजा ख़ावर
करम है मुझ पे किसी और के जलाने को
वो शख़्स मुझ पे कोई मेहरबान थोड़ी है
शुजा ख़ावर
कुछ नहीं बोला तो मर जाएगा अंदर से 'शुजाअ'
और अगर बोला तो फिर बाहर से मारा जाएगा
if silent I remain I will suffocate inside
and if I speak I will surely be crucified
शुजा ख़ावर
मिरे हालात को बस यूँ समझ लो
परिंदे पर शजर रक्खा हुआ है
शुजा ख़ावर