हम जैसों ने जान गँवाई पागल थे
दुनिया जैसी कल थी बिल्कुल वैसी है
नोमान शौक़
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
हम भी माचिस की तीलियों से थे
जो हुआ सिर्फ़ एक बार हुआ
नोमान शौक़
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
हम बहुत पछताए आवाज़ों से रिश्ता जोड़ कर
शोर इक लम्हे का था और ज़िंदगी भर का सुकूत
नोमान शौक़
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
ग़म इस क़दर नहीं थे ढले जितने शेर में
दौलत बनाई ख़ूब मता-ए-क़लील से
नोमान शौक़
टैग:
| 2 लाइन शायरी |