पुतलियों पर रक़्स करना ही कमाल-ए-फ़न नहीं
दर्द के आँसू को तो पैहम रवानी चाहिए
कौसर मज़हरी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
रब्त है उस को ज़माने से बहुत सुनता हूँ
कोई तरकीब करूँ मैं भी ज़माना हो जाऊँ
कौसर मज़हरी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
तआक़ुब में है मेरे याद किस की
मैं किस को भूल जाना चाहता हूँ
कौसर मज़हरी
टैग:
| याद |
| 2 लाइन शायरी |
उस की पलकों पे जो चमका था सितारा कोई
देखते देखते महताब हुआ जाता है
कौसर मज़हरी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
वही क़तरा जो कभी कुंज-ए-सर-ए-चश्म में था
अब जो फैला है तो सैलाब हुआ जाता है
कौसर मज़हरी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |