ये एक पेड़ है आ इस से मिल के रो लें हम
यहाँ से तेरे मिरे रास्ते बदलते हैं
बशीर बद्र
टैग:
| बिदाई |
| 2 लाइन शायरी |
ये परिंदे भी खेतों के मज़दूर हैं
लौट के अपने घर शाम तक जाएँगे
बशीर बद्र
टैग:
| परिंदा |
| 2 लाइन शायरी |
ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं
तुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा
बशीर बद्र
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
ये शबनमी लहजा है आहिस्ता ग़ज़ल पढ़ना
तितली की कहानी है फूलों की ज़बानी है
बशीर बद्र
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
ये ज़ाफ़रानी पुलओवर उसी का हिस्सा है
कोई जो दूसरा पहने तो दूसरा ही लगे
बशीर बद्र
टैग:
| प्रसिद्ध |
| 2 लाइन शायरी |
ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं
पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है
बशीर बद्र