पूछना चाँद का पता 'आज़र'
जब अकेले में रात मिल जाए
बलवान सिंह आज़र
तू भले मेरा ए'तिबार न कर
ज़िंदगी मैं तिरे कहे में हूँ
बलवान सिंह आज़र
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पूछना चाँद का पता 'आज़र'
जब अकेले में रात मिल जाए
बलवान सिंह आज़र
तू भले मेरा ए'तिबार न कर
ज़िंदगी मैं तिरे कहे में हूँ
बलवान सिंह आज़र