इश्क़ का ज़ौक़-ए-नज़ारा मुफ़्त में बदनाम है
हुस्न ख़ुद बे-ताब है जल्वा दिखाने के लिए
love is needlessly defamed that for vision it is keen
beauty is impatient too for its splendour to be seen
असरार-उल-हक़ मजाज़
1 शेर
इश्क़ का ज़ौक़-ए-नज़ारा मुफ़्त में बदनाम है
हुस्न ख़ुद बे-ताब है जल्वा दिखाने के लिए
love is needlessly defamed that for vision it is keen
beauty is impatient too for its splendour to be seen
असरार-उल-हक़ मजाज़