वो जिस घमंड से बिछड़ा गिला तो इस का है
कि सारी बात मोहब्बत में रख-रखाव की थी
अहमद फ़राज़
टैग:
| Ghamand |
| 2 लाइन शायरी |
शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है
जिस डाल पे बैठे हो वो टूट भी सकती है
बशीर बद्र
रोज़ दीवार में चुन देता हूँ मैं अपनी अना
रोज़ वो तोड़ के दीवार निकल आती है
ख़ुर्शीद तलब
टैग:
| Ghamand |
| 2 लाइन शायरी |
अदा आई जफ़ा आई ग़ुरूर आया हिजाब आया
हज़ारों आफ़तें ले कर हसीनों पर शबाब आया
नूह नारवी