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विलास पंडित मुसाफ़िर शायरी | शाही शायरी

विलास पंडित मुसाफ़िर शेर

4 शेर

इक समुंदर के हवाले सारे ख़त करता रहा
वो हमारे साथ अपने ग़म ग़लत करता रहा

विलास पंडित मुसाफ़िर




लेने वाले तो सभी कुछ ले गए
आप भी एहसान थोड़ा कीजिए

विलास पंडित मुसाफ़िर




मेहनत कर के हम तो आख़िर भूके भी सो जाएँगे
या मौला तू बरकत रखना बच्चों की गुड़-धानी में

विलास पंडित मुसाफ़िर




रोज़ ही पीना रोज़ पिलाना रोज़ ग़मों से टकराना
इक दिन मय को भूल के आओ गंगा-जल की बात करें

विलास पंडित मुसाफ़िर