EN اردو
तिश्ना बरेलवी शायरी | शाही शायरी

तिश्ना बरेलवी शेर

2 शेर

बस यही इक काम बाक़ी था जो करना है मुझे
मैं मोहब्बत बो रहा हूँ नफ़रतों के दरमियाँ

तिश्ना बरेलवी




क़रीब आ न सका मैं तिरे मगर ख़ुश हूँ
कि मेरा ज़िक्र तिरी दास्ताँ से दूर नहीं

तिश्ना बरेलवी