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ताजदार आदिल शायरी | शाही शायरी

ताजदार आदिल शेर

8 शेर

दुनिया-भर में जितने मंज़र अच्छे हैं
उन का हुस्न और शोर हवा का तेरे नाम

ताजदार आदिल




हर मुसाफ़िर के साथ आता है
इक नया रास्ता हमेशा से

ताजदार आदिल




मेरी आँखों में ख़्वाब हैं जिस के
उस की आँखों में रत-जगा है अब

ताजदार आदिल




मिला था हिज्र के रस्ते में सुब्ह की मानिंद
बिछड़ गया था मुसाफ़िर से रात होने तक

ताजदार आदिल




तुम्हारी याद बढ़ी और दिल हुआ रौशन
ये एक शम्अ अँधेरे ने ख़ुद जला ली है

ताजदार आदिल




वो इस कमाल से खेला था इश्क़ की बाज़ी
मैं अपनी फ़तह समझता था मात होने तक

ताजदार आदिल




वो जो दरिया के बीच रहता है
वही प्यासा मिला हमेशा से

ताजदार आदिल




ज़ख़्म कब का था दर्द उठा है अब
उस के जाने का दुख हुआ है अब

ताजदार आदिल