मैं जुदाई का मुक़र्रर सिलसिला हो जाऊँगा
वो भी दिन आएगा जब ख़ुद से जुदा हो जाऊँगा
सुबोध लाल साक़ी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
ये भी हुआ कि फ़ाइलों के दरमियाँ मिलीं
मुझ को कहाँ कहाँ मिरी तन्हाइयाँ मिलीं
सुबोध लाल साक़ी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |