कैसे इस बात पर यक़ीं कर लूँ
तू हक़ीक़त है कोई ख़्वाब नहीं
संदीप कोल नादिम
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शायद सवाब तुम को भी मिल जाए सब के साथ
सज्दे में गिर भी जाओ दुआ की किसे ख़बर
संदीप कोल नादिम
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