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साबिर बद्र जाफ़री शायरी | शाही शायरी

साबिर बद्र जाफ़री शेर

3 शेर

दुश्मनी पेड़ पर नहीं उगती
ये समर दोस्ती से मिलता है

साबिर बद्र जाफ़री




जान भी साथ छोड़ देती है
ये सबक़ ज़िंदगी से मिलता है

साबिर बद्र जाफ़री




यूँ तो मिलने को लोग मिलते हैं
दिल मगर कम किसी से मिलता है

साबिर बद्र जाफ़री