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क़ुली क़ुतुब शाह शायरी | शाही शायरी

क़ुली क़ुतुब शाह शेर

7 शेर

करें ताक़त गँवा कर आबिदाँ मय-ख़ाना कूँ सज्दा
क्या ज़ुन्नार में तस्बीह देखन रू-ए-ज़ेबारा

क़ुली क़ुतुब शाह




मैं न जानूँ काबा-ओ-बुत-ख़ाना-ओ-मय-ख़ाना कूँ
देखता हूँ हर कहाँ दस्ता है तुज मुख का सफ़ा

क़ुली क़ुतुब शाह




मोहब्बत की सुल्तानी है सब जगत में
कि इस सम नहीं कोई ज्ञानी-ओ-दानी

क़ुली क़ुतुब शाह




नबी सदक़े कुतुब शह दिल में कीता
मोहब्बत हैदर-ए-कर्रार एहदास

क़ुली क़ुतुब शाह




पिया बाज प्याला पिया जाए ना
पिया बाज यक-तिल जिया जाए ना

क़ुली क़ुतुब शाह




पिया की याद सूँ पीता हूँ मैं मय
हमारा हाल क्या जानेंगे सुख-ज़ाद

क़ुली क़ुतुब शाह




'क़ुतुब' शह न दे मुज दिवाने को पंद
दिवाने कूँ कुच पंद दिया जाए ना

क़ुली क़ुतुब शाह