करें ताक़त गँवा कर आबिदाँ मय-ख़ाना कूँ सज्दा
क्या ज़ुन्नार में तस्बीह देखन रू-ए-ज़ेबारा
क़ुली क़ुतुब शाह
मैं न जानूँ काबा-ओ-बुत-ख़ाना-ओ-मय-ख़ाना कूँ
देखता हूँ हर कहाँ दस्ता है तुज मुख का सफ़ा
क़ुली क़ुतुब शाह
मोहब्बत की सुल्तानी है सब जगत में
कि इस सम नहीं कोई ज्ञानी-ओ-दानी
क़ुली क़ुतुब शाह
नबी सदक़े कुतुब शह दिल में कीता
मोहब्बत हैदर-ए-कर्रार एहदास
क़ुली क़ुतुब शाह
पिया बाज प्याला पिया जाए ना
पिया बाज यक-तिल जिया जाए ना
क़ुली क़ुतुब शाह
पिया की याद सूँ पीता हूँ मैं मय
हमारा हाल क्या जानेंगे सुख-ज़ाद
क़ुली क़ुतुब शाह
'क़ुतुब' शह न दे मुज दिवाने को पंद
दिवाने कूँ कुच पंद दिया जाए ना
क़ुली क़ुतुब शाह