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निहाल सेवहारवी शायरी | शाही शायरी

निहाल सेवहारवी शेर

1 शेर

तुम जो आए हो तो शक्ल-ए-दर-ओ-दीवार है और
कितनी रंगीन मिरी शाम हुई जाती है

निहाल सेवहारवी