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नज़्मी सिकंदराबादी शायरी | शाही शायरी

नज़्मी सिकंदराबादी शेर

2 शेर

डरेंगे लोग वफ़ा के ख़याल से 'नज़मी'
मिरी वफ़ाओं का जिस दिन सिला मिलेगा मुझे

नज़्मी सिकंदराबादी




नसीब होंगी उसे कामयाबियाँ 'नजमी'
ख़ुशी के साथ जो हर इम्तिहाँ से गुज़रेगा

नज़्मी सिकंदराबादी