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मुसहफ़ इक़बाल तौसिफ़ी शायरी | शाही शायरी

मुसहफ़ इक़बाल तौसिफ़ी शेर

3 शेर

देखा नहीं उस को कितने दिन से
उँगली पे किया हिसाब हम ने

मुसहफ़ इक़बाल तौसिफ़ी




किसी का नाम न लूँ और ग़ज़ल के पर्दे में
बयान उस की मैं सारी सिफ़ात भी कर लूँ

मुसहफ़ इक़बाल तौसिफ़ी




मैं अगर चुप हूँ ये बहता हुआ दरिया क्या है
लब-कुशा हूँ तो मिरी बात से पहले क्या था

मुसहफ़ इक़बाल तौसिफ़ी