EN اردو
मीर अली औसत रशक शायरी | शाही शायरी

मीर अली औसत रशक शेर

3 शेर

अब तो बातें भी हो गईं मौक़ूफ़
अरिनी है न लन-तरानी है

मीर अली औसत रशक




हद से गुज़रा जब इंतिज़ार तिरा
मौत का हम ने इंतिज़ार किया

मीर अली औसत रशक




सुना रहा हूँ नकीरैन को फ़साना-ए-हिज्र
सवाल उन के जुदा हैं मिरे जवाब जुदा

मीर अली औसत रशक