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मालिकज़ादा जावेद शायरी | शाही शायरी

मालिकज़ादा जावेद शेर

4 शेर

जल गए फिर से कुछ हसीं रिश्ते
तंज़िया गुफ़्तुगू की भट्टी में

मालिकज़ादा जावेद




कम-उम्री में सुनते हैं
मर जाते हैं अच्छे लोग

मालिकज़ादा जावेद




मियाँ उस शख़्स से होशियार रहना
सभी से झुक के जो मिलता बहुत है

मालिकज़ादा जावेद




ज़िंदगी एक कहानी के सिवा कुछ भी नहीं
लोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं

मालिकज़ादा जावेद