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ख़ालिद इक़बाल ताइब शायरी | शाही शायरी

ख़ालिद इक़बाल ताइब शेर

4 शेर

एक ही मैदान में लेटे हैं सब
क्या गदा क्या ताजवर मरने के ब'अद

ख़ालिद इक़बाल ताइब




किस क़दर बेचारगी में हैं पड़े
कैसे कैसे चारा-गर मरने के ब'अद

ख़ालिद इक़बाल ताइब




पूछते हैं ये शाएरी क्या है
हाए ऐसी भी सादगी क्या है

ख़ालिद इक़बाल ताइब




वो जिन आँखों में थी बरसात के मंज़र की झलक
अब उन आँखों में सफ़ेदी न सियाही न धनक

ख़ालिद इक़बाल ताइब