ख़त्म कब होगा सफ़र मरने के ब'अद
और होगा तेज़-तर मरने के ब'अद
वो समझना भी समझना क्या हुआ
लोग समझेंगे मगर मरने के ब'अद
लाख दुनिया में हो कोई लख-पति
सब का हासिल है सिफ़र मरने के ब'अद
एक ही मैदान में लेटे हैं सब
क्या गदा क्या ताजवर मरने के ब'अद
किस क़दर बेचारगी में हैं पड़े
कैसे कैसे चारा-गर मरने के ब'अद
दोस्तों में मुनक़सिम हो जाएँगे
कोर-चश्म और दीदा-वर मरने के ब'अद

ग़ज़ल
ख़त्म कब होगा सफ़र मरने के ब'अद
ख़ालिद इक़बाल ताइब