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करम हैदराबादी शायरी | शाही शायरी

करम हैदराबादी शेर

2 शेर

इश्क़ की दुनिया में क्या क्या हम को सौग़ातें मिलीं
सूनी सुब्हें रोती शामें जागती रातें मिलीं

करम हैदराबादी




वाइज़ ख़ता-मुआफ़ कि रिंदान-ए-मय-कदा
दिल के सिवा किसी का कहा मानते नहीं

करम हैदराबादी