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फ़ज़्ल अहमद करीम फ़ज़ली शायरी | शाही शायरी

फ़ज़्ल अहमद करीम फ़ज़ली शेर

7 शेर

आँखों का तो काम ही है रोना
ये गिर्या-ए-बे-सबब है प्यारे

फ़ज़्ल अहमद करीम फ़ज़ली




अहल-ए-हुनर के दिल में धड़कते हैं सब के दिल
सारे जहाँ का दर्द हमारे जिगर में है

फ़ज़्ल अहमद करीम फ़ज़ली




फ़रेब-ए-करम इक तो उन का है इस पर
सितम मेरी ख़ुश-फ़हमियाँ और भी हैं

फ़ज़्ल अहमद करीम फ़ज़ली




ग़म-ए-दौराँ में कहाँ बात ग़म-ए-जानाँ की
नज़्म है अपनी जगह ख़ूब मगर हाए ग़ज़ल

फ़ज़्ल अहमद करीम फ़ज़ली




है सख़्त मुश्किल में जान साक़ी पिलाए आख़िर किधर से पहले
सभी की आँखें ये कह रही हैं इधर से पहले इधर से पहले

फ़ज़्ल अहमद करीम फ़ज़ली




हमारे उन के तअल्लुक़ का अब ये आलम है
कि दोस्ती का है क्या ज़िक्र दुश्मनी भी नहीं

फ़ज़्ल अहमद करीम फ़ज़ली




नक़ाब उन ने रुख़ से उठाई तो लेकिन
हिजाबात कुछ दरमियाँ और भी हैं

फ़ज़्ल अहमद करीम फ़ज़ली