ख़्वाब देखे थे टूट कर मैं ने
टूट कर ख़्वाब देखते हैं मुझे
डॉ. पिन्हाँ
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
मैं शर की शरारत से तो होश्यार हूँ लेकिन
अल्लाह बचाए तो बचूँ ख़ैर के शर से
डॉ. पिन्हाँ
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
पत्थर न बना दे मुझे मौसम की ये सख़्ती
मर जाएँ मिरे ख़्वाब न ताबीर के डर से
डॉ. पिन्हाँ
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
ये दिल अजीब है अक्सर कमाल करता है
जवाब जिन का नहीं वो सवाल करता है
डॉ. पिन्हाँ
टैग:
| 2 लाइन शायरी |