EN اردو
अय्यूब साबिर शायरी | शाही शायरी

अय्यूब साबिर शेर

2 शेर

कहा ये मैं ने भला कब कि मत सज़ा दीजे
मगर क़ुसूर तो मुझ को मिरा बता दीजे

अय्यूब साबिर




शफ़क़ हूँ सूरज हूँ रौशनी हूँ
सलीब-ए-ग़म पर उभर रहा हूँ

अय्यूब साबिर