असरार अगर समझे दुनिया की हर इक शय के
ख़ुद अपनी हक़ीक़त से ये बे-ख़बरी क्यूँ है
असद मुल्तानी
टैग:
| Bekhabari |
| 2 लाइन शायरी |
रहें न रिंद ये ज़ाहिद के बस की बात नहीं
तमाम शहर है दो-चार दस की बात नहीं
असद मुल्तानी
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
शराब बंद हो साक़ी के बस की बात नहीं
तमाम शहर है दो चार दस की बात नहीं
असद मुल्तानी