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असद मुल्तानी शायरी | शाही शायरी

असद मुल्तानी शेर

3 शेर

असरार अगर समझे दुनिया की हर इक शय के
ख़ुद अपनी हक़ीक़त से ये बे-ख़बरी क्यूँ है

असद मुल्तानी




रहें न रिंद ये ज़ाहिद के बस की बात नहीं
तमाम शहर है दो-चार दस की बात नहीं

असद मुल्तानी




शराब बंद हो साक़ी के बस की बात नहीं
तमाम शहर है दो चार दस की बात नहीं

असद मुल्तानी