दफ़ना दिया गया मुझे चाँदी की क़ब्र में
मैं जिस को चाहती थी वो लड़का ग़रीब था
अंजुम रहबर
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
दफ़ना दिया गया मुझे चाँदी की क़ब्र में
मैं जिस को चाहती थी वो लड़का ग़रीब था
अंजुम रहबर
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
कुछ दिन से ज़िंदगी मुझे पहचानती नहीं
यूँ देखती है जैसे मुझे जानती नहीं
अंजुम रहबर
टैग:
| जिंदगी |
| 2 लाइन शायरी |
माँ मुझे देख के नाराज़ न हो जाए कहीं
सर पे आँचल नहीं होता है तो डर होता है
अंजुम रहबर
टैग:
| मां |
| 2 लाइन शायरी |
मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था
वो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था
अंजुम रहबर
टैग:
| Judai |
| 2 लाइन शायरी |
तुझ को दुनिया के साथ चलना है
तू मिरे साथ चल न पाएगा
अंजुम रहबर
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
तुम को भुला रही थी कि तुम याद आ गए
मैं ज़हर खा रही थी कि तुम याद गए
अंजुम रहबर
टैग:
| 2 लाइन शायरी |