ख़मोश रहने की आदत भी मार देती है
तुम्हें ये ज़हर तो अंदर से चाट जाएगा
आबिद ख़ुर्शीद
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ख़मोश रहने की आदत भी मार देती है
तुम्हें ये ज़हर तो अंदर से चाट जाएगा
आबिद ख़ुर्शीद