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तज़ाद | शाही शायरी
tazad

नज़्म

तज़ाद

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

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यज़ीद नक़्शा-ए-जौर-ओ-जफ़ा बनाता है
हुसैन उस में ख़त-ए-कर्बला बनाता है

यज़ीद मौसम-ए-इस्याँ का ला-इलाज मरज़
हुसैन ख़ाक से ख़ाक-ए-शिफ़ा बनाता है

यज़ीद काख़-ए-कसाफ़त की डोलती बुनियाद
हुसैन हुस्न की हैरत-सरा बनाता है

यज़ीद तेज़ हवाओं से जोड़ तोड़ में गुम
हुसैन सर पे पहन के रिदा बनाता है

यज़ीद लिखता है तारीकियों को ख़त दिन भर
हुसैन शाम से पहले दिया बनाता है

यज़ीद आज भी बनते हैं लोग कोशिश से
हुसैन ख़ुद नहीं बनता ख़ुदा बनाता है