कौन आया है
कोई नहीं आया है पागल
तेज़ हवा के झोंके से दरवाज़ा खुला है
अच्छा यूँ है
बेकारी में ज़ात के ज़ख़्मों की सोज़िश को और बढ़ाने
तेज़-रवी की राहगुज़र से
मेहनत-कोश और काम के दिन की
धूल आई है धूप आई है
जाने ये किस ध्यान में था मैं
आता तो अच्छा कौन आता
किस को आना था कौन आता
नज़्म
नाकारा
जौन एलिया