देवताओं ने मुझ से कहा था कि जब
चंद्र-माओं के आईनों पर गर्द जम जाएगी
और सूरज समुंदर की गहराइयों में उतर जाएँगे
तब हर इक रंग कालक में तब्दील हो जाएगा
रस्ता रस्ता अंधेरे बिखर जाएँगे
और तुम को हवा बन के चुप-चाप
अंधे सफ़र पर निकलना पड़ेगा
हज़ारों बरस
मौत की वादियों में भटकना पड़ेगा
मिरा जुर्म ये है कि मैं ऐसे सूरज से पैदा हुआ
जिस की तक़दीर में एक पल का
फ़क़त एक पल का उजाला लिखा है
मिरा जुर्म ये है: कि मैं इस तमाशे में लाया गया
आख़िरी आदमी हूँ
नज़्म
मेरा जुर्म
कुमार पाशी