EN اردو
मैं अपनी नज़्में वापस लेने को तय्यार हूँ | शाही शायरी
main apni nazMein wapas lene ko tayyar hun

नज़्म

मैं अपनी नज़्में वापस लेने को तय्यार हूँ

तनवीर अंजुम

;

मेरी नज़्मों ने
कुछ लोगों से लापरवाई बरती है

मेरी नज़्मों ने
कुछ लोगों को अज़िय्यत पहुँचाई है

मेरी नज़्मों ने
कुछ लोगों को मार डाला है

मैं अपनी सारी नज़्में वापस लेने को तय्यार हूँ
मुझे सब लोगों से मुआफ़ी चाहिए

ताकि मैं बर्दाश्त कर सकूँ
दुनिया की लापरवाई

अज़िय्यत से तड़पता हुआ दिल
और अपनी मौत