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इस ज़िंदगी के बदले | शाही शायरी
is zindagi ke badle

नज़्म

इस ज़िंदगी के बदले

अज़रा अब्बास

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इस ज़िंदगी के बदले
मुझे बना दिया जाता

बादलों से गिरती हुई एक बूँद
किसी सूखी घास के गट्ठर पर

पड़ा हुआ एक तिनका
या

बहते हुए पानी के आस-पास
जमी हुई काई

इस ज़िंदगी के बदले
मुझे बना दिया जाता

एक रात से दूसरी रात तक
फैला हुआ बे-मज़ा ज़ाइक़ा

या
वो दाना जिस किसी परिंदे की चोंच से गिर रिहा हो

इस ज़िंदगी के बदले
मुझे दीवार पर फैले हुए

सीलन-ज़दा धब्बे में बदल दिया जाता
या

पहाड़ों पर ठहरी हुई बर्फ़
जो किसी ने न देखी हो

या
एक ताबूत जो किसी मरने वाले से

ख़ाली करा लिया गया हो