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हिन्दोस्तान मेरा | शाही शायरी
hindostan mera

नज़्म

हिन्दोस्तान मेरा

अर्श मलसियानी

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देसों में सब से अच्छा हिन्दोस्तान मेरा
रू-ए-ज़मीं पे जन्नत, जन्नत-निशान मेरा

हिन्दोस्तान मेरा, हिन्दोस्तान मेरा
वो प्यारा प्यारा मंज़र, वो मोहनी फ़ज़ाएँ

वो ऊँचे ऊँचे पर्बत वो दिल-फ़ज़ा गुफाएँ
हिन्दोस्तान मेरा, हिन्दोस्तान मेरा

तीनों तरफ़ समुंदर, चौथी तरफ़ हिमाला
है पासबान इस का, इस का बनाने वाला

हिन्दोस्तान मेरा, हिन्दोस्तान मेरा
ग़ुंचों का वो चटकना, फूलों का वो महकना

पंछी पखेरुओं का वो सुब्ह-दम चहकना
हिन्दोस्तान मेरा, हिन्दोस्तान मेरा

धीमे सुरों में गंगा ये गीत गा रही है
जमुना भी अपने मुँह में ये गुनगुना रही है

हिन्दोस्तान मेरा, हिन्दोस्तान मेरा
गोकुल का इक ग्वाला बंसी बजा रहा है

बंसी की लय में वो भी इक गीत गा रहा है
हिन्दोस्तान मेरा, हिन्दोस्तान मेरा

दुनिया के सारे मेवे इस गुल्सितान में हैं
सब नेमतें मयस्सर हिन्दोस्तान में हैं

हिन्दोस्तान मेरा, हिन्दोस्तान मेरा
मेरा निशाँ यही है, मेरा जहाँ यही है

जन्नत मिरी यही है, मेरा मकाँ यही है
हिन्दोस्तान मेरा, हिन्दोस्तान मेरा