EN اردو
हँसती हुई लड़की | शाही शायरी
hansti hui laDki

नज़्म

हँसती हुई लड़की

ज़ीशान साहिल

;

हँसती हुई लड़की
एक आँसू में रहती है

इस एक आँसू में
जब वो छुप गई थी

तो उसे किसी ने नहीं ढूँडा
और इस एक आँसू में

जब वो घर गई थी
तो किसी को नहीं मिल सकी

इसी आँसू में से
हाथ बढ़ा के

उस ने फूल तोड़े थे
और इसी आँसू में से उस ने

वो किताब पढ़ी थी
जिस में आँसुओं से

तोड़े हुए फूल नहीं रखे जा सकते
हँसती हुई लड़की

बारिश में
इस एक आँसू से

बाहर नहीं जा सकती
वो चलती है

और हमेशा थक के बैठ जाती है
अपने काढ़े हुए रुमाल पर

वो सुनती है अपनी कही हुई कहानी
और हर बार रोने लगती है

हँसती हुई लड़की
अपनी हथेली पे

आँसुओं से
एक क़िला बना लेती है

और एक आँसू से
ज़ियादा नहीं रोती