ख़ंजर के फल पर
एक तरफ़ तुम्हारा नाम लिखा है
और दूसरी तरफ़ मेरा
जिन्हें पढ़ना आता है
हमें बताते हैं
हमें क़त्ल कर दिया जाएगा
जो दरख़्त उगाता है
हमें एक सेब दे देता है
हम ख़ंजर से सेब के
दो टुकड़े कर देते हैं
हम किसी से पूछे बग़ैर ज़िंदा रहते हैं
और किसी को बताए बग़ैर
मोहब्बत करते हैं
मैं ने गिनती सीखी
और याद रखा
तुम तक पहुँचने के लिए मुझे
कितनी सीढ़ियाँ तय करनी पड़ती हैं
एक दिन तुम ये सारी सीढ़ियाँ
नज़्मों की किताब में रख कर
मुझे दे दोगी
एक दिन मैं तुम्हें बताऊँगा
समुंदर वहाँ से शुरूअ होता है
जहाँ से ख़ुश्की नज़र आनी ख़त्म हो जाए
फिर हम जब चाहेंगे
नज़्मों की किताब से
एक वरक़ फाड़ कर कश्ती बना लेंगे
और
दूसरा वरक़ फाड़ कर
समुंदर
फिर हम जब चाहेंगे
ज़मीन की गर्दिश रोक कर
रक़्स करने लगेंगे
नाचते हुए आदमी के दिल का निशाना
मुश्किल से लिया जा सकता है
नज़्म
हम कसी से पूछे बग़ैर ज़िंदा रहते हैं
अफ़ज़ाल अहमद सय्यद