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दुआ | शाही शायरी
dua

नज़्म

दुआ

अाज़म ख़ुर्शीद

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गहरी रात में साए
साए ज़र्द घटा

साकित-ओ-जामिद
गहरा

नीला जंगल
सर्द हवा में हाथ बढ़ा

सर्द हवा
सिसकियाँ

ख़ुश्बू
अल्हड़ जिस्म दोराहे

सपना ख़ून बहा
क़हर-ओ-ग़ज़ब की गर्म हवा

मेरे ख़ुदा
अल्हड़ जिस्म का ख़ून बहा

ख़ून बहा
हाथों को मायूस न कर