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अज़दहा | शाही शायरी
azhdaha

नज़्म

अज़दहा

ज़ीशान साहिल

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नाश्ते के बअ'द
आज हम आप को

एक अज़दहे से मिलवाएँगे
जिसे हम ने

समुंदर में मुँह डाल के
पानी पीते हुए पकड़ा है

हम ने अभी तक
उस के पेट में

कछवे के अंडे शुतुर मुर्ग़ की टाँगें
और एक सहरा दरयाफ़्त किया है

वो ख़ेमा
और वो हिरन की खाल

अभी हमें नहीं मिली है
जहाँ सोते हुए

हमें अज़दहे ने
नाश्ते से पहले निगला था