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ज़िंदगी क्या है वफ़ा क्या है अक़ीदत क्या है | शाही शायरी
zindagi kya hai wafa kya hai aqidat kya hai

ग़ज़ल

ज़िंदगी क्या है वफ़ा क्या है अक़ीदत क्या है

हरी मेहता

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ज़िंदगी क्या है वफ़ा क्या है अक़ीदत क्या है
हम बताते हैं ख़ुदाओं की हक़ीक़त क्या है

मैं ने पूछा है सितारों से सियह रातों में
कौन है कू-ए-गुनह राह-ए-तरीक़त क्या है

मैं ने हालात की हर आग में जल कर जाना
राहत-ए-क़ल्ब है क्या और मुसीबत क्या है

टोक देता है भले कोई ग़लत हो कि सही
नासेहा ये तो बता फ़र्ज़-ए-नसीहत क्या है

चाँद सूरज को सितारों को परखने वालो
तुम को मा'लूम भी है चश्म-ए-बसीरत क्या है

कितने अंजान हैं इंसान समझ बैठे हैं
ख़ूबसूरत हो बशर फिर तो ये सीरत क्या है

किस क़दर दूर 'हरी' केश चले आए हो
क़द्र थी देस में परदेस में क़ीमत क्या है