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ये माना उस तरफ़ रस्ता न जाए | शाही शायरी
ye mana us taraf rasta na jae

ग़ज़ल

ये माना उस तरफ़ रस्ता न जाए

मदन मोहन दानिश

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ये माना उस तरफ़ रस्ता न जाए
मगर फिर भी मुझे रोका न जाए

बदल सकती है रुख़ तस्वीर अपना
कुछ इतने ग़ौर से देखा न जाए

उलझने के लिए सौ उलझनें हैं
बस अपने आप से उलझा न जाए

इरादा वापसी का हो अगर तो
बहुत गहराई में उतरा न जाए

हमारी अर्ज़ बस इतनी है 'दानिश'
उदासी का सबब पूछा न जाए