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उन की ख़ल्वत में 'रसा' भी होगा | शाही शायरी
unki KHalwat mein rasa bhi hoga

ग़ज़ल

उन की ख़ल्वत में 'रसा' भी होगा

रसा रामपुरी

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उन की ख़ल्वत में 'रसा' भी होगा
कभी यूँ हुक्म-ए-ख़ुदा भी होगा

मुझ पे जो तू ने सितम ढाया है
कहीं दुनिया में हुआ भी होगा

सब्र वालों का भी दिन आएगा
एक दिन रोज़-ए-जज़ा भी होगा

आप सा कोई नहीं दुनिया में
आप ने ये तो सुना भी होगा

महफ़िल-ए-शेर में हो आएँ चलो
आज सुनते हैं 'रसा' भी होगा