तेरे साए से परे रह के जिया कैसे करें
फ़ासले तय भी करें हम तो बता कैसे करें
रोग इस दिल को लगा है तिरी ख़ातिर वर्ना
तू नहीं है तो बता दिल की दवा कैसे करें
दो घड़ी भर के लिए भी न रहा साथ तिरा
बिन तिरे शहर में हम पास-ए-वफ़ा कैसे करें
रंज-ओ-ग़म की वो रवानी न रही दिल में मिरे
दिल दुखेगा तो बता दिल से दुआ कैसे करें
आप की दुनिया अलग और अलग अपना जहाँ
रास्ते जब न हों मंज़िल पे मिला कैसे करें
बेवफ़ाई का चलन आम है दुनिया में 'किरन'
ज़िंदगी भर के लिए ज़ख़्म सहा कैसे करें

ग़ज़ल
तेरे साए से परे रह के जिया कैसे करें
कविता किरन