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तेरे साए से परे रह के जिया कैसे करें | शाही शायरी
tere sae se pare rah ke jiya kaise karen

ग़ज़ल

तेरे साए से परे रह के जिया कैसे करें

कविता किरन

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तेरे साए से परे रह के जिया कैसे करें
फ़ासले तय भी करें हम तो बता कैसे करें

रोग इस दिल को लगा है तिरी ख़ातिर वर्ना
तू नहीं है तो बता दिल की दवा कैसे करें

दो घड़ी भर के लिए भी न रहा साथ तिरा
बिन तिरे शहर में हम पास-ए-वफ़ा कैसे करें

रंज-ओ-ग़म की वो रवानी न रही दिल में मिरे
दिल दुखेगा तो बता दिल से दुआ कैसे करें

आप की दुनिया अलग और अलग अपना जहाँ
रास्ते जब न हों मंज़िल पे मिला कैसे करें

बेवफ़ाई का चलन आम है दुनिया में 'किरन'
ज़िंदगी भर के लिए ज़ख़्म सहा कैसे करें