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रूह को तड़पा रही है उन की याद | शाही शायरी
ruh ko taDpa rahi hai unki yaad

ग़ज़ल

रूह को तड़पा रही है उन की याद

शकील बदायुनी

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रूह को तड़पा रही है उन की याद
दर्द बन कर छा रही है उन की याद

इश्क़ से घबरा रही है उन की याद
रुकते रुकते आ रही है उन की याद

वो हँसे वो ज़ेर-ए-लब कुछ कह उठे
ख़्वाब से दिखला रही है उन की याद

मैं तो ख़ुद्दारी का क़ाइल हूँ मगर
क्या करूँ फिर आ रही है उन की याद

अब ख़याल-ए-तर्क-ए-रब्त-ओ-ज़ब्त है
ख़ुद-बख़ुद शरमा रही है उन की याद