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नमाज़ लड़की मोहब्बत ख़ुदा ज़रूरी है | शाही शायरी
namaz laDki mohabbat KHuda zaruri hai

ग़ज़ल

नमाज़ लड़की मोहब्बत ख़ुदा ज़रूरी है

वसीम ताशिफ़

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नमाज़ लड़की मोहब्बत ख़ुदा ज़रूरी है
किसी भी चीज़ का नश्शा बड़ा ज़रूरी है

बहुत ज़रूरी है उस का हर एक पल हँसना
मुझ ऐसे हब्स-ज़दा को हवा ज़रूरी है

तुम्हारे वास्ते रक्खा है टाल कर ख़ुद को
अब उस के बा'द तुम्हें और क्या ज़रूरी है

अब उस की और मिरी चाह में तज़ाद है दोस्त
मुझे चराग़ उसे आइना ज़रूरी है

जुदाई इतनी ज़रूरी है जितनी तुम चाहो
हमारे वास्ते सब्र-ओ-रज़ा ज़रूरी है