मोहब्बत तर्क की मैं ने गरेबाँ सी लिया मैं ने
ज़माने अब तो ख़ुश हो ज़हर ये भी पी लिया मैं ने
love I have renounced and sewn the collar that was ripped
O world now you be happy for this poison I have sipped
अभी ज़िंदा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ ख़ल्वत में
कि अब तक किस तमन्ना के सहारे जी लिया मैं ने
though I am alive, I often think, when there is no throng
based on what desire, tell me, have I lived this long
उन्हें अपना नहीं सकता मगर इतना भी क्या कम है
कि कुछ मुद्दत हसीं ख़्वाबों में खो कर जी लिया मैं ने
though I cannot possess her, it's of major consequence
that for a while, her in my dreams, I did experience
बस अब तो दामन-ए-दिल छोड़ दो बेकार उम्मीदो
बहुत दुख सह लिए मैं ने बहुत दिन जी लिया मैं ने
the vestment of my heart O helpless hopes now leave alone
I've lived far too long and sorrows ample have I borne
ग़ज़ल
मोहब्बत तर्क की मैं ने गरेबाँ सी लिया मैं ने
साहिर लुधियानवी